भारतीय मूल के अमेरिकी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप जमनादास ने चेतावनी दी है कि ज्यादा फल खाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि इससे फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। उनका कहना है कि फल हमेशा उनके सीजन में ही खाने चाहिए, तभी वे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
हम सब बचपन से सुनते आए हैं कि फल हमारे लिए बहुत हेल्दी होते हैं — ये विटामिन्स, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स का खजाना हैं। लेकिन डॉक्टर प्रदीप का कहना है कि “हर चीज़ की एक सीमा होती है,” और अगर आप रोज़ाना या ज़रूरत से ज़्यादा फल खाते हैं, तो ये आपकी सेहत के लिए फायदे की बजाय नुकसान का कारण बन सकते हैं।
🍎 फल में मौजूद प्राकृतिक शक्कर भी खतरनाक हो सकती है
फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में रहने वाले इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप जमनादास ने एक इंटरव्यू में बताया कि फलों में मौजूद नेचुरल शुगर (फ्रुक्टोज) ज्यादा मात्रा में खाने पर शरीर के ब्लड शुगर लेवल को बिगाड़ देती है। इससे इंसुलिन असंतुलन (Insulin Imbalance) हो सकता है, जो डायबिटीज, फैटी लिवर और दिल की बीमारियों की जड़ है।
🍇 “लोग फल को हेल्दी समझने की भूल करते हैं” – डॉक्टर प्रदीप
‘द डायरी ऑफ ए सीईओ’ पॉडकास्ट में 24 सितंबर को दिए गए एक बयान में उन्होंने कहा –
“ज्यादा फल खाना उतना ही खतरनाक है, जितना मीठे पेय पदार्थ लेना। क्योंकि दोनों में शुगर ही होती है — बस रूप अलग होता है।”
उन्होंने बताया कि फल सिर्फ मौसमी (सीजनल) होने चाहिए और थोड़ी मात्रा में ही खाने चाहिए, क्योंकि आधुनिक समय में फल सालभर उपलब्ध रहते हैं और लोग सोचते हैं कि वे हमेशा हेल्दी हैं — जबकि ये सच्चाई नहीं है।
🍉 फ्रुक्टोज क्यों है नुकसानदायक?
फ्रुक्टोज एक प्राकृतिक शक्कर (Natural Sugar) है, लेकिन शरीर इसे बहुत कठिनाई से पचाता है। ज्यादा फ्रुक्टोज लिवर में जमा होकर फैट में बदल जाता है, जिससे समय के साथ फैटी लिवर, डायबिटीज, हार्ट डिज़ीज और मोटापा जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
डॉ. प्रदीप के अनुसार –
“भले ही शुगर नेचुरल हो, लेकिन ज्यादा मात्रा में लेने पर वही जहर बन जाती है।”
🕒 फल खाने का सही समय और मात्रा
डॉ. प्रदीप का कहना है कि फल तभी खाएं जब वे मौसमी हों, और दिन में थोड़ी मात्रा में ही लें। उन्होंने बताया कि बहुत से लोग “फल डाइट” पर रहते हैं — सुबह, दोपहर और रात सिर्फ फल खाते हैं — लेकिन ये बेहद गलत आदत है।
उन्होंने अपने एक मरीज का उदाहरण देते हुए कहा –
“मेरा एक मरीज था जो हर समय फल खाता था — सुबह, दोपहर और रात। नतीजा यह हुआ कि उसे फैटी लिवर और दिल की समस्या हो गई। जब हमने उसका फल सेवन कम किया, तो उसकी सेहत में जबरदस्त सुधार हुआ।”
🍋 डॉक्टर की सलाह
- फल सीजनल और सीमित मात्रा में ही खाएं।
- खाली पेट फल न खाएं, खासकर अगर ब्लड शुगर की समस्या है।
- मिक्स फलों का जूस लेने से बचें, क्योंकि उसमें फाइबर कम और शुगर ज्यादा होती है।
- बच्चों और बुजुर्गों को फल देने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
डॉ. प्रदीप जमनादास का यह संदेश साफ है —
“फल बुरे नहीं हैं, लेकिन हर चीज़ की मात्रा मायने रखती है। हेल्दी रहने के लिए बैलेंस जरूरी है, न कि ओवरडोज।”

